पिछले पाँच वर्षो से खेती विरासत मिशन की स्त्री इकाई औरतो के साथ मिलकर जहर मुक्त रसोई- जहर मुक्त खुराक का नारा बुलंद कर रही है. भोतना और चैना गाँव में 150 से ज्यादा औरते जहर मुक्त रसोई और खुराक के इस अभियान में जुडी हुई है और औरो को भी रास्ता दिखा रही है. पहले औरतो ने सिर्फ़ अपने घर के लिए उगाना शुरू किया था और आपस में एक दूसरे से बाँटना फिरसे आरंभ किया जो कि गाँव कि एक खासियत होती थी. अब औरतो के पास घर की जरूरते पूरी करने के बाद और पड़ोसियों से बाँटने के बाद भी बच जाता है जिसे अब वे अपनी आय को बढ़ाने के लिए करना चाहती है. इसी के तहत भोतना, चैना और डोड गावों में स्वयं सहायता समूह बनाने की प्रकिर्या चल रही है. डोड गाँव में पहला स्वयं सहायता समूह बनाया गया है जिसके 12 सदस्य है और जिसकी मीटिंगों में 50 -60 औरते हिस्सा लेती है. |
जीव अमृत बनाते हुए |
4 मई को डोड गाँव में जीव अमृत बनाने की ट्रेनिंग दी गई जिसमे २० महिलाओं ने भाग लिया. गुरप्रीत सिंह, जो कि खेती विरासत मिशन में ट्रेनर है, ने यह ट्रेनिंग दी. महिलाओं ने बताया कि कई वर्षो के बाद उन्होंने एक साथ मिलकर सांझे तौर पे कुछ बनाया है. इस ट्रेनिंग में कॉलेज जाने वाली लडकियों ने भी भाग लिया . जीव अमृत के तैयार होने के बाद सभी ने आपस में बांटा.
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2 रोज़ा ट्रेनिंग वर्कशॉप |
16 -17 जून को कृषि विज्ञानं केंद्र, फरीदकोट के साथ मिलकर डोड गाँव कि महिलाओं के लिए फ़ूड प्रोसेसिंग की 2 दिन की ट्रेनिंग वर्कशॉप लगवाई गई जिसमे कृषि विज्ञानं केंद्र की गृह विज्ञानं माहिर नवदीप कौर ने ट्रेनिंग दी. इस ट्रेनिंग में प्रतिभागियों को शर्बत, चटनियाँ और आचार बनाने की ट्रेनिंग दी गई. अमनजोत कौर, संयोजक, स्त्री इकाई ने प्रतिभागियों को बाज़ार से कोका-कोला या अन्य कोल्ड ड्रिंक्स खरीदने की जगह घर में बने सेहतवर्धक ड्रिंक्स अपनाने पैर जोर दिया ताकि हमारे सभ्याचार के साथ साथ हमारी सेहत भी बची रहे.
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मैडम नवदीप शरबत की ट्रेनिंग देते हुए |
इसके साथ ही मैडम नवदीप कौर ने प्रतिभागियों को बताया कि कैसे वे इस सब के दुआरा घर बैठे अपना रोज़गार शुरू कर के घर में आर्थिक सहयोग दे सकती है.
वर्कशॉप के अंत में अमनजोत कौर ने बताया कि आगे भी इस तरह के और भी कार्यकर्म गाँव में किये जायेंगे ताकि महिलाएं न सिर्फ़ आत्मनिर्भर बन सके बल्कि गाँव के जहर मुक्ति के अभियान में भी योगदान दे सके .
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